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वंदे भारत ट्रेन से बाबा हरिहरनाथ की धरती बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ी

 वंदे भारत ट्रेन से बाबा हरिहरनाथ की

धरती बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ी


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार को एक और नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी है। उन्होंने सीवान से हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन का शुभारंभ किया। पाटलिपुत्र और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलने वाली इस नई वंदे भारत एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 26502/26501) से पूर्वी भारत के विकास को नया आयाम मिलने वाला है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज बिहार में रोड, रेल, हवाई यात्रा और जलमार्ग, हर प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। बिहार को लगातार नई ट्रेनें मिल रही हैं। यहां वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। आज हम एक और बड़ी शुरुआत करने जा रहे हैं। सावन शुरू होने से पहले आज बाबा हरिहरनाथ की धरती, वंदे भारत ट्रेन से बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ गई है। पटना से गोरखपुर की नई वंदे भारत ट्रेन, पूर्वांचल के शिव भक्तों को मिली नई सवारी है। ये ट्रेन भगवान बुद्ध की तपोभूमि को, उनकी महापरिनिर्वाण भूमि कुशीनगर से जोड़ने का भी माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से बिहार में उद्योग-धंधों को तो बल मिलेगा ही, इससे पर्यटन को सबसे अधिक फायदा होगा। इससे दुनिया के टूरिज्म मैप में भी बिहार और अधिक निखर कर सामने आएगा। यानी बिहार के नौजवानों के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर बनने वाले हैं।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने गिनी गणराज्य को निर्यात होने वाले प्रथम लोकोमोटिव को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि अब बिहार में बना इंजन अफ्रीका की रेल चलाएगा। ये बहुत बड़े गर्व की बात है, मुझे पक्का विश्वास है बिहार मेड इन इंडिया का एक बड़ा सेंटर बनेगा। यहां का मखाना, यहां के फल-सब्जियां तो बाहर जाएंगी ही, बिहार के कारखानों में बनने वाला सामान भी दुनिया के बाजारों तक पहुंचेगा। बिहार के नौजवान जो सामान बनाएंगे, वो आत्मनिर्भर भारत को ताकत देगा।

रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रचार) दिलीप कुमार ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस, नमो भारत रैपिड रेल और अमृत भारत एक्सप्रेस आधुनिक रेलवे व्यवस्था की त्रिवेणी के रूप में स्थापित हो चुकी हैं। पूरे देश में करीब 140 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है और देश के लोगों खासकर युवाओं के बीच इस ट्रेन को लेकर जबरदस्त क्रश है। जहां कहीं भी वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन हो रहा है, वहां इसे अपार लोकप्रियता हासिल हो रही है। हाल ही में भारतीय रेल ने दो जोड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा से श्रीनगर के बीच शुरू किया है। यह ट्रेन लगातार फुल जा रही है। अगले एक महीने तक टिकट बुकिंग फुल है। इससे समझा जा सकता है कि पूरे देश में वंदे भारत ट्रेन की लोकप्रियता कितनी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला में वंदे भारत एक्सप्रेस का लगातार विस्तार हो रहा है। पाटलिपुत्र से गोरखपुर के बीच एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस संचालित की जा रही है। यह ट्रेन पाटलिपुत्र और गोरखपुर के बीच जिन जगहों से होकर गुजरेगी उनमें हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बापूधाम मोतिहारी, सगौली, बेतिया, नरकटियागंज, बगहा और उत्तर प्रदेश के कप्तानगंज और पनियहवा शामिल हैं। यह पूरा क्षेत्र महात्मा गांधी की कर्मभूमि रहा है। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध की भी कर्मभूमि यह क्षेत्र रहा है। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मस्थल इसी क्षेत्र के नजदीक वैशाली में रहा है। यह ट्रेन कई ऐतिहासिक और प्रसिद्ध स्थलों को जोड़ेगी। इसके अलावा वाल्मीकिनगर पर्यटन स्थल को भी नरकटिया और बगहा के जरिए जोड़ेगी। बिहार में और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विस्तार कि दिशा में इस ट्रेन की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पर्यटकों को भी यह ट्रेन पसंद आएगी और इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए भी यह बेहतरीन सेवा साबित होगी। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन (शनिवार को छोड़कर) संचालित होगी। गोरखपुर से यह ट्रेन सुबह 5:40 बजे रवाना होगी और दोपहर 12:45 बजे पाटलिपुत्र पहुंचेगी। जबकि वापसी में पाटलिपुत्र से दोपहर 3:30 बजे चलेगी और रात 10:30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। यह ट्रेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘पूर्वी भारत के विकास’ की प्रतिबद्धता का एक मजबूत उदाहरण है, जो उपेक्षित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। इस ट्रेन को जोड़कर बिहार में अब 13 और उत्तर प्रदेश में 15 वंदे भारत ट्रेनें रेल कनेक्टिविटी को मजबूत कर रही हैं। वर्तमान में देश भर में 71 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं।

 यात्रियों की जिंदगी में बदलावं

वंदे भारत एक्सप्रेस ने भारतीय रेल यात्रियों के लिए एक नया युग शुरू किया है। यह ट्रेन न केवल तेज़ है, बल्कि इसमें आधुनिक सुविधाएं भी हैं जो यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाती हैं। वंदे भारत की सेमी-हाईस्पीड क्षमता यात्रा समय को काफी कम कर देती है। जैसे गोरखपुर से पाटलिपुत्र की दूरी अब 7 घंटे में तय हो रही है, जिसके सफर में पहले 10 से 12 घंटे लगते थे। यह समय की बचत यात्रियों को अपने परिवार, काम और अन्य गतिविधियों के लिए अधिक समय देती है। इस ट्रेन में वातानुकूलित कोच, स्वचालित दरवाजे, बायो टॉयलेट्स, जीपीएस सूचना प्रणाली, ऑनबोर्ड कैटरिंग, वाई-फाई और सीसीटीवी सुरक्षा जैसी सुविधाएं हैं। ये सुविधाएं यात्रियों को एक प्रीमियम और आरामदायक अनुभव प्रदान करती हैं, जो पहले साधारण ट्रेनों में संभव नहीं था। वंदे भारत ट्रेनें वरिष्ठ नागरिकों, विद्यार्थियों और महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं।

 आर्थिक और सामाजिक विकास को नई रफ्तार

वंदे भारत ट्रेन क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाकर आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दे रही है। इससे व्यापार, पर्यटन, रोजगार के अवसर और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच संभव हुई है। वंदे भारत पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित है। यह भारतीय इंजीनियरिंग की क्षमता को दर्शाती है और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गई है। यह ट्रेन महानगरों के साथ-साथ छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को भी जोड़ रही हैं, जिससे समग्र विकास को बढ़ावा मिल रहा है। उत्तर बिहार और पूर्वांचल जैसे विकासशील क्षेत्रों को वंदे भारत जैसी आधुनिक सेवाएं प्रदान करना ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करता है।

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